लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर मध्यप्रदेश में 29 से 31 मई 2025 तक “जनकल्याणी पर्व” मनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक पर्व के तहत पुलिस विभाग द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़ी पहलों-जैसे ऑपरेशन मुस्कान, सृजन कार्यक्रम, महिला अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई, महिला ऊर्जा डेस्क की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ और जन-जागरूकता अभियानों-को लोकमाता के आदर्शों से जोड़ते हुए प्रस्तुत किया जा रहा है।
इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक झाबुआ श्री पद्मविलोचन शुक्ल के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबुआ श्री प्रेमलाल कुर्वे के मार्गदर्शन में सशक्त समाज के निर्माण हेतु एवं महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से चलाए जा रहे रक्षा सखी कार्यक्रम के तहत ग्राम उमरिया, ग्राम सजवानी व अन्य स्थानों पर लोगों को लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के सामान्य जीवन परिचय के बारे में बताया गया कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर 18वीं शताब्दी की एक महान भारतीय शासिका थीं, जिन्होंने मराठा साम्राज्य के अंतर्गत इंदौर (मालवा क्षेत्र) पर शासन किया। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुआ था। वे अपने न्यायप्रिय, धर्मनिष्ठ एवं कुशल प्रशासन के लिए जानी जाती हैं। अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में कई मंदिरों, घाटों, धर्मशालाओं और कुओं का निर्माण कराया, जिनमें काशी का विश्वनाथ मंदिर रामेश्वरम जैसे तीर्थस्थलों का पुनर्निर्माण भी शामिल है। उन्होंने महिलाओं की स्थिति सुधारने और विधवाओं को सम्मानजनक जीवन देने के लिए भी कार्य किया। अपने परोपकारी कार्यों और सुशासन के लिए उन्हें “लोकमाता” की उपाधि दी गई।
साथ ही रक्षा सखी टीम द्वारा 100 डायल एवं बच्चों को पढ़ाई करने हेतु प्रेरित किया गया व यातायत के नियमो की जानकारी दी गई, साइबर ठगी से बचने के लिए समझाया गया व बच्चों को किसी भी स्थिति में पढ़ाई नहीं छोड़ने एवं लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में उनके आदर्शों को अपनाये।